herohey.com

राजन और जंगल की आत्मा

एक छोटे से गाँव के पास, जंगल के किनारे, राजन अपने बूढ़े पिता के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहता था। राजन का परिवार बेहद गरीब था, और उनका गुजारा जंगल से मिलने वाले फलों और जड़ी-बूटियों पर निर्भर था। उसके पिता बहुत बूढ़े और बीमार थे, इसलिए घर का सारा काम और जंगल से खाना जुटाने की जिम्मेदारी राजन पर थी।

एक दिन, जब राजन जंगल में फलों की तलाश कर रहा था, उसकी नजर एक बड़े पेड़ पर पड़ी, जो जैतून से लदा हुआ था। उसकी आंखें खुशी से चमक उठीं। इतने सारे फल देखकर वह अपनी भूख को भूलकर तेजी से पेड़ की ओर बढ़ा।

जैसे ही वह पेड़ के पास पहुंचा, उसे एक अजीब सी आवाज सुनाई दी, “वहाँ मत जाओ!”

राजन रुक गया और इधर-उधर देखने लगा, लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। उसने उस आवाज को नजरअंदाज किया और फिर से पेड़ की ओर बढ़ने लगा। तभी उसकी नजर एक शेर पर पड़ी, जो पेड़ के नीचे लेटा हुआ था।

शेर को देखते ही राजन के होश उड़ गए। वह अपनी पूरी ताकत से भागने लगा। शेर ने कुछ दूर तक उसका पीछा किया, फिर  अचानक जंगल में कहीं गायब हो गया।

राजन किसी तरह अपने घर पहुंचा और पूरी घटना अपने पिता को सुनाई। उसके पिता ने उसे समझाया कि जंगल में हमेशा सतर्क रहना चाहिए। कुछ दिन बीत गए, और राजन धीरे-धीरे उस घटना को भूलने लगा।

एक सुबह, जब वह जंगल में खाना तलाशने गया, तो उसने एक खूबसूरत तालाब देखा। तालाब का पानी बिल्कुल साफ और चमकदार था, और उसके किनारे रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। राजन ने सोचा कि आज वह तालाब से कुछ मछलियां पकड़े गा ।

जैसे ही वह तालाब की ओर बढ़ा, वही अजीब आवाज फिर से सुनाई दी, “वहाँ मत जाओ!”

इस बार भी राजन ने उस आवाज को नजरअंदाज कर दिया। जैसे ही वह तालाब के पास पहुंचा, उसने देखा कि वही शेर तालाब के पास बैठा हुआ है।

शेर को देखकर राजन के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह अपनी जान बचाने के लिए तेजी से भागने लगा। शेर ने उसका पीछा किया, लेकिन थोड़ी देर बाद वह फिर गायब हो गया।

इस घटना के बाद राजन सोच में पड़ गया। वह बार-बार उस आवाज के बारे में सोचने लगा , जो उसे हर बार खतरे से बचाने की कोशिश करती थी। आखिर कौन था, जो उसकी मदद कर रहा था?

कुछ दिन सोचने के बाद, उसने तय किया कि वह उस जगह पर जाएगा, जहां उसने वह आवाज सुनी थी। उसने हिम्मत जुटाई और जंगल के उसी हिस्से में पहुंच गया। वहाँ पहुँचकर वह चिल्लाया, “तुम कौन हो, जो हर बार मुझे बचाने की कोशिश करता है? सामने आओ!”

तभी अचानक हवा में एक हलचल हुई, और एक अदृश्य आकृति धीरे-धीरे उसके सामने प्रकट हुई। वह एक भूत का रूप था। राजन डर के मारे काँपने लगा, लेकिन भूत ने उसे शांत करते हुए कहा, “डरो मत, राजन। मैं तुम्हारा दुश्मन नहीं हूँ, बल्कि तुम्हारा रक्षक हूँ।”

भूत ने अपनी कहानी सुनानी शुरू की। उसने कहा, “मैं इस जंगल का रखवाला हूँ। बहुत साल पहले, मैं एक साधारण इंसान था। मैं भी तुम्हारी तरह गरीब था और जंगल से अपना गुजारा करता था। लेकिन एक दिन, इस जंगल में शिकारियों का एक समूह आया। उन्होंने इस जंगल के कई निर्दोष जानवरों को मार डाला।

जब मैंने उनका विरोध किया, तो उन्होंने मुझे भी मार दिया। मेरी आत्मा इस जंगल में अटक गई, और तब से मैं इस जंगल के हर जीव की रक्षा करता हूँ। जब भी कोई खतरे में होता है, मैं उसे बचाने की कोशिश करता हूँ।”

उसने कहना जारी रखा l 

” लोग सोचते हैं कि जंगल की हर सुंदर चीज़ उनकी है, लेकिन यह सच नहीं है। इस जंगल के पेड़, जानवर और पानी सभी अपनी स्वतंत्रता के साथ रहते हैं। इंसान अपने जीवन के लिए मेहनत करे, लेकिन जंगल की सुंदरता को नष्ट न करे।”

राजन यह सब सुनकर चौंक गया। उसने आत्मा से कहा, “मैं गरीब हूँ और अपने परिवार का पेट पालने के लिए जंगल पर निर्भर हूँ। अगर मैं जंगल से कुछ भी नहीं लाऊंगा, तो कैसे जिऊंगा?”

आत्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम ईमानदार और मेहनती हो। तुम सूखी लकड़ियां इकट्ठा करके बेच सकते हो। यह जंगल को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। पेड़ों से फल  भी कभी-कभी ले सकते हो, लेकिन हमेशा नहीं। याद रखना, तुम्हारा जीवन सिर्फ जंगल पर निर्भर नहीं होना चाहिए। तुम्हें अपनी मेहनत से अपना भविष्य बनाना होगा।”

राजन ने आत्मा को धन्यवाद दिया। उसने वादा किया कि वह जंगल को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। 

अब वह केवल सूखी लकड़ियां इकट्ठा करता और उन्हें बेचकर पैसे कमाता। वह कभी-कभी जंगल से फल भी ले आता, लेकिन उसने आत्मा के निर्देशों का पालन करते हुए कभी भी लालच नहीं किया।

जल्द ही, उसकी ईमानदारी और मेहनत का फल मिला। उसके पास पैसे जुटने लगे, और उसने अपने पिता के लिए अच्छा खाना और कपड़े लाने शुरू कर दिए। राजन अब समझ चुका था कि प्रकृति का सम्मान करना ही सच्चा जीवन है।

Scroll to Top