ब्लू स्टोन का वादा
ज्योति एक युवा लड़की थी जो एक छोटे से गाँव में रहती थी। वह बहुत गरीब थी। आम तौर पर उसके कपड़े पुराने और फटे हुए होते थे, और उसके पास खाने के लिए मुश्किल से पर्याप्त भोजन होता था, लकिन ज्योति दयालु और मेहनती थी। वह हमेशा बेहतर जीवन का सपना देखती थी, हालात कठिन होने पर भी उसने कभी उम्मीद नहीं खोई थी ।
एक दिन जंगल में लकड़ी इकट्ठा करते समय ज्योति बहुत दूर तक निकल गई ओर भटक गई। पेड़ ऊँचे और अँधेरे खड़े थे, और जंगल अंतहीन लग रहा था। उसने वापस जाने का रास्ता खोजने की कोशिश की, लेकिन हर दिशा एक जैसी ही लग रही थी। जैसे-जैसे सूरज डूबने लगा, ज्योति डरने लगी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। वह डर के मारे इधर-उधर देख रही थी।
अचानक, उसने अपने पीछे एक धीमी आवाज़ सुनी। “क्या तुम खो गई हो, खूबसूरत लड़की?” ज्योति तेजी से मुड़ी और उसे एक अजीब आकृति दिखाई दी। वह एक युवा लड़की की थी, जिसने सफेद पोशाक पहनी हुई थी, जो अंधेरे में हल्की चमक रही थी। उसका नाम रीना था l
रीना की आवाज़ धीमी थी, लेकिन उसका पीला चेहरा और तैरता हुआ रूप ज्योति को झकझोर रहा था। “मैं एक भूत हूं,” रीना ने शांति से कहा, जैसे कि यह दुनिया की सबसे प्राकृतिक चीज़ हो।
ज्योति पीछे हट गई, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था। “मैं बहुत गरीब लड़की हूं, मेरे पास कुछ भी नहीं है। कृपया मुझे चोट मत पहुंचाओ!” वो रोने लगी ।
रीना दयालुता से मुस्कुराई. “मैं तुम्हें चोट नहीं पहुँचाना चाहती । मैं आपको घर का रास्ता ढूंढने में मदद करना चाहती हूं, लेकिन बदले में मुझे तुमसे एक वादा चाहिए, क्या आप किसी दिन मेरी मदद करेंगे जब मुझे आवश्यकता होगी ?”
ज्योति ने एक क्षण सोचा। वह डरी हुई थी, वह जंगल छोड़कर घर भी जाना चाहती थी। “हाँ, मैं करूंगी। मैं वादा करती हूं,” उसने आख़िर कह दिया ।
रीना ने अपना हाथ बढ़ाया और ज्योति ने उसे पकड़ लिया। उसे यह बर्फ की तरह ठंडा महसूस हुआ।
रीना ने कहा। “मेरे पीछे आओ।”
रीना आगे-आगे चल रही थी और ज्योति उसके पीछे-पीछे चल रही थी। वे जंगल से होकर चले, और जल्द ही, ज्योति को अपने गाँव का किनारा दिखाई दिया। उसने रीना को धन्यवाद दिया, फिर भूत लड़की एक दिन वापस आने का वादा करके गायब हो गई।
जिंदगी चलती रही, ज्योति हर दिन कड़ी मेहनत करती। उसने रीना से किये अपने वादे के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। धीरे-धीरे ज्योति को विश्वास होने लगा कि वह भूत को फिर कभी नहीं देख पाएगी।
लेकिन एक शांत रात में, जब ज्योति अपनी छोटी सी झोपड़ी के बाहर बैठी थी, उसे एक परिचित आवाज़ सुनाई दी।
“ज्योति,” आवाज फुसफुसाई। उसने मुड़कर देखा तो रीना चांदनी में खड़ी थी।
“मुझे आशा है कि आपको याद होगा,आपने मेरी मदद करने का वादा किया था,” रीना ने गंभीर आँखों से कहा।
ज्योति उसे देखकर दंग रह गई। उसे उम्मीद थी कि यह दिन कभी नहीं आएगा। “आप मुझसे क्या करवाना चाहते हैं?” उसने घबराकर पूछा,
रीना का चेहरा एक अजीब सी चमक से चमक उठा, “ वहां एक अमीर बूढ़ा आदमी है जो गाँव के किनारे एक बड़े घर में रहता है। उसके पास एक नीला पत्थर है जो सितारों से भी अधिक चमकीला है। मैं चाहती हूँ कि आप इसे मेरे पास लाएँ।”
ज्योति का दिल बैठ गया. “क्या आप चाहते हैं कि मैं इसे चुराकर आपको दे दूं?” उसने चौंकते हुए पूछा, “लेकिन यह ग़लत है! मैं ऐसा नहीं कर सकती।”
“तुमने वादा किया था ज्योति, मैंने आपकी घर का रास्ता ढूंढने में मदद की थी।अब तुम्हें अपनी बात रखनी होगी ,’’ रीना ने कहा l
ज्योति को लगा कि वह फंस गई है, वह चोरी नहीं करना चाहती थी, लेकिन वह अपना वादा भी नहीं तोड़ना चाहती थी। उसने इस बारे में सोचने का फैसला किया और रीना से उसे कुछ समय देने को कहा।
अगली सुबह, ज्योति बूढ़े आदमी के घर गई। उनका नाम मिस्टर शंकर था, वह एक दयालु लेकिन अकेला आदमी था। वह एक भव्य घर में रहता था,उसके पास बहुत पैसा था, लेकिन उसका कोई परिवार नहीं था। ज्योति ने उसे उस के घर पर काम करने की पेशकश की।
श्री शंकर सहमत हो गए और ज्योति ने उनके घर की सफ़ाई करना, खाना पकाना और छोटे-मोटे कामों में उनकी मदद करना शुरू कर दिया। दिन हफ्तों में बदल गए और ज्योति ने उनके घर में कड़ी मेहनत की। समय के साथ, श्री शंकर को उससे लगाव हो गया। वह उसकी ईमानदारी और दयालुता की प्रशंसा करते थे।
एक दिन, जब ज्योति लिविंग रूम में अलमारियों की सफाई कर रही थी, तो उसने एक नीले पत्थर को कांच के डिब्बे में देखा। यह उसकी कल्पना से भी अधिक सुंदर था, आकाश के तारे की तरह धीरे-धीरे चमक रहा था। उसने रीना और उसके वादे के बारे में सोचा।
श्री शंकर ने देखा कि वह नीले पत्थर को ध्यान से देख रही थी।
उन्होंने गर्मजोशी भरी मुस्कान के साथ कहा, “ज्योति , आपने मेरी बहुत बड़ी मदद की है,मेरे पास इस दुनिया में ज्यादा समय नहीं बचा है, लेकिन मैं आपकी कड़ी मेहनत के इनाम के रूप में आपको कुछ विशेष देना चाहता हूं।”
जैसे ही श्री शंकर ने कांच का डिब्बा खोला और नीला पत्थर निकाला, ज्योति की आंखें फैल गईं।
उन्होंने कहा, “यह मेरा सबसे कीमती खजाना है।” “लेकिन मेरा मानना है कि आप इसके लायक हैं। इसे ले लो, मेरे बच्चे।”
ज्योति झिझकी, वह इतनी मूल्यवान चीज़ नहीं लेना चाहती थी, लेकिन श्री शंकर ने ज़ोर दिया। अंततः कांपते हाथों से उसने पत्थर स्वीकार कर लिया।
उस रात ज्योति की मुलाकात रीना से जंगल में हुई l नीला पत्थर देखकर भूत लड़की की आँखें चमक उठीं।
रीना ने पत्थर की ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा, “आपने अपना वादा निभाया।” ज्योति ने उसे पत्थर दे दिया।
जैसे ही रीना ने पत्थर को छुआ, कुछ अविश्वसनीय घटित हुआ। एक तेज़ रोशनी ने उसे घेर लिया और उसका भूतिया रूप बदलने लगा। उसकी सफ़ेद पोशाक एक चमकता हुआ सुनहरा वस्त्र बन गई, और उसका पीला चेहरा गर्म और जीवन से भरपूर हो गया। रीना अब भूत नहीं रही थी, वह एक परी बन गई l
ज्योति आश्चर्य से देखती रही। “रीना, क्या हुआ?”
रीना मुस्कुराई, उसकी आवाज़ अब नरम और संगीतमय थी। “यह पत्थर मुझे इस दुनिया से बांधे रखने वाली आखिरी चीज़ थी। धन्यवाद, ज्योति।”
ज्योति की आँखों में आँसू भर आये। “लेकिन मुझे लगा कि आप मुझसे नाराज़ हैं। मुझे लगा कि आप चाहते हैं कि मैं इसे चुरा कर ही लाऊं।”
रीना ने सिर हिलाया. “मैं चाहती थी कि आप इसे मेरे पास लाएँ, लेकिन यह आप पर निर्भर करता था कि कैसे, कठिन समय होने पर भी आपने दयालुता और ईमानदारी दिखाई। इसीलिए आप सफल हुए।”
ज्योति को अपने दिल में एक गर्माहट महसूस हुई। वह गलत काम करने को लेकर बहुत चिंतित थी, लेकिन अंत में, उसके अच्छे कर्म सफल हुए।
“ज्योति अभ तुम्हें पहले की तरह कड़ी मेहनत करने की जरूरत नहीं है, तुम्हें जो भी चाहिए वह मुझसे मांग सकती हो।” रीना ने मुस्कुराते हुए कहा।
“नहीं – नहीं, मैं तुम्हारा एहसान चुकाने में असमर्थ महसूस कर रही हूं।”
“नहीं ज्योति, तुम्हें मेरे लिए दोबारा कुछ करने की जरूरत नहीं है। यह आखिरी था।”
उस दिन से, ज्योति और रीना करीबी दोस्त बन गई l
रीना, जो अब एक देवदूत थी, अक्सर ज्योति के पास जाती थी और उसका मार्गदर्शन करती थी और उसकी रक्षा करती थी, जिससे ज्योति का जीवन बेहतर हो गया। वह अभी भी कड़ी मेहनत करती थी, और दूसरों की मदद करती थी।
नीला पत्थर उनकी दोस्ती और वादे निभाने की शक्ति का प्रतीक बन गया था। वह जानती थी कि रीना उससे दूर नहीं है।