गांव के तालाब में भूत
धिरोल एक शांत गाँव था, जो बाकी दुनिया से दूर, घने जंगलों और छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ था। गाँव के लोग सादा जीवन जीते थे, दिन में खेती करते थे और रात में आग के पास इकट्ठा होते थे, बातें करते थे और गेम खेलते थे। केवल एक ही चीज़ थी जो गाँव की शांति को भंग करती थी – बाहरी इलाके में एक बड़ा, रहस्यमयी तालाब।
तालाब किसी अन्य तालाब से भिन्न था। दिन के दौरान, यह सुंदर दिखता था, इसके साफ पानी में नीला आकाश, ऊंचे पेड़ और कभी-कभी ऊपर उड़ते पक्षी दिखाई देते थे। बच्चे इसकी सतह पर पत्थर उछालते हुए पास में खेलते थे। लेकिन जैसे ही रात होती, तालाब और आसपास सभ बदल जाता था । गाँव के लोगों का मानना था कि रात में तालाब में कुछ अजीब होता है लकिन किसी ने कभी नहीं बताया कि यह क्या था और वे हमेशा एक-दूसरे को सूर्यास्त के बाद दूर रहने की चेतावनी देते थे।
तालाब में भूत-प्रेत के मंडराने की कहानियाँ पीढ़ियों से बताई जाती रही थी । कुछ लोगों कहते कि यहां एक महिला की आत्मा थी जो कई साल पहले वहां डूब गई थी, जो पास आने वाले किसी भी व्यक्ति से बदला लेना चाहती थी। दूसरों का मानना था कि यह एक बूढ़े मछुआरे का भूत था जो आधी रात में गायब हो गया था, जिसे फिर कभी नहीं देखा गया। कोई भी सच्चाई नहीं जानता था, लेकिन हर कोई एक बात पर सहमत था – उस तालाब में कुछ गड़बड़ जरूर है।
लीना, गाँव की उन बहादुर युवा लड़कियों में से एक थी जो ऐसी कहानियों पर विश्वास नहीं करती थी। वह गाँव में नई थी, कुछ महीने पहले ही वहाँ आई थी। वह बचपन से ही शहर में अपनी चाची के साथ रह रही थी। उसके माता-पिता भी हमेशा उसे तालाब के बारे में चेतावनी देते थे, जैसे बाकी सभी लोग देते थे, लेकिन उसने सोचा। “शायद तालाब कुछ जगहों से गहरा था, यह बच्चों को दूर रखने की एक पुरानी कहानी है, वे डूब सकते थे ,”
एक रात, लीना ने फैसला किया कि वह खुद तालाब देखने जायेगी। वह गर्म चांदनी रात थी और आकाश में तारे चमक रहे थे। उसने अपने कंधों पर एक शॉल लपेटा, अपने जूते पहने और चुपचाप घर से बाहर निकल गई जब उसके माता-पिता सो रहे थे। गाँव में सन्नाटा था, दूर-दूर तक केवल झींगुरों की हल्की-हल्की आवाजें थीं।
जब लीना तालाब पर पहुंची, तो वह वैसा ही दिख रहा था जैसा दिन में दिखता था, केवल अब पानी गहरा और रात के आकाश के नीचे लगभग काला दिखता था । पेड़ सतह पर लंबे, छायादार प्रतिबिंब बनाते थे, और ठंडी हवा चल रही थी। वह करीब चली गई, और पानी में झाँकने लगी। एक पल के लिए, सब कुछ सामान्य लग रहा था – फिर उसने एक छपाक की आवाज़ सुनी।
लीना उछल पड़ी, उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने चारों ओर देखा लेकिन कुछ नहीं दिखा। “यह शायद सिर्फ एक मछली है,” उसने फुसफुसाया, वह थोड़ा डर गई, वह पीछे मुड़कर घर जाने ही वाली थी कि उसने पानी में कुछ अधिक हलचल देखी। पहले, यह सिर्फ एक लहर थी, लेकिन फिर यह बड़ी होती गई, जैसे कि कोई तालाब की गहराई से उठ रहा हो।
लीना अपनी जगह पर स्थिर हो गई थी , उसकी आँखें डर से चौड़ी हो गईं। धीरे-धीरे तालाब के बीच से एक शरीर की आकृति निकलने लगी। यह एक महिला की तरह लग रहा था, उसके लंबे, गीले बाल उसके चेहरे पर चिपके हुए थे और उसकी त्वचा चंद्रमा की तरह सफेद थी। उसने एक फटी हुई पोशाक पहनी थी जो धुंध की तरह उसके चारों ओर तैर रही थी, उसकी आँखें लीना को घूर रही थीं।
“मुझे पता था लीना तुम एक दिन मुझसे मिलने आओगी, मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी” उस लड़की भूत ने उसके करीब आते हुए कहा।
“तुम्हें मेरा नाम कैसे पता”। लीना ने कांपते हुए कहा।
“डरो मत, मैं तुम्हें चोट नहीं पहुँचाऊँगी,आएं और मेरे साथ खेलें।
लीना को समझ नहीं आया कि वह क्या कह रही है, उसे थोड़ी हिम्मत मिली। उसने पूछा। “तुमने यह नहीं बताया कि तुम मेरा नाम कैसे जानती हैं?,तुम मुझे कैसे जानती हैं?”
“पुरानी कहानियाँ भूल जाओ, आओ और मेरे साथ पानी में खेलो”। उसने लीना का हाथ पकड़ा और उसे तालाब में ले गई, लीना को तालाब का पानी गर्म और आरामदायक लगा। उन्होंने तालाब में तैरना शुरू कर दिया। सब कुछ बहुत शांत था। लीना का सारा डर दूर हो गया था। अचानक वह उसकी कंपनी का आनंद लेने लगी।
“मैं जानती हूं कि तुम पहले ही मर चुकी हो और भूत बन गई हो, तुम तालाब में क्यों फंस गई हो। तुम्हें शांति क्यों नहीं मिली” लीना ने तैरते हुए पूछा l
“तुम सही हो लीना,मैं यहां अपनी इच्छा से आई हूं, मैं तुमसे मिलना चाहती थी और तुम्हारे साथ खेलना चाहती थी l”
“आपने मुझे क्यों चुना?, गाँव में और भी कई युवा लड़कियाँ हैं l”
“मुझे अजनबियों के साथ खेलना पसंद नहीं है,क्योंकि मैं तुम्हें जानती हूं, हम पहले ही कुछ समय साथ बिता चुके हैं l”
“क्या.. !!!!, मैं तुम्हें नहीं जानती,आपको कुछ गलतफहमी है ,मैं वह लड़की नहीं हूं जिसे आप जानते हैं, कृपया मुझे घर जाने की अनुमति दें ,लेकिन मैं आपकी मित्र लड़की ढूंढने में आपकी मदद कर सकती हूं ” लीना चिल्लाई।
“लीना, चिंता मत करो, तुम बाद में घर जा सकती हो, मैं तुम्हारा इतनी देर से इंतजार कर रही हूं, कृपया मेरे साथ खेलो, तुम्हें हमारे भीतर कोई जुड़ाव महसूस नहीं हो रहा है,क्या आप मेरे साथ असुरक्षित महसूस कर रही हैं?”
“असल में मैं आपके साथ तैरने का आनंद ले रही हूं। मुझे मे कभी रात में जंगल के तालाब में तैरने की हिम्मत नहीं हुई, अब मैं बिना किसी डर के तैर रहा हूं, जैसा कि मैं घर पर करती हूं, लेकिन फिर मेरा मन सोचता है कि मैं एक भूत के साथ हूं, जिससे मैं डर जाती हूं।”
“तुम मेरा नाम जानते हो, तुम्हारा नाम क्या है दोस्त” लीना ने मुस्कुराते हुए पूछा।
भूत ने उदास होकर कहा, मुझे किसी ने कोई नाम नहीं दिया , मेरे कोई नाम नहीं है,
“यह कैसे संभव है?, मुझे यकीन है कि आप एक दिन जीवित होंगे, आपके माता-पिता ने आपको एक विशेष नाम दिया होगा।”
“मेरी भी यही इच्छा थी, लेकिन मैं तुम्हारी तरह भाग्यशाली नहीं थी । मैं तो कभी पैदा ही नहीं हुई ।”
“ क्या, तुम बिना पैदा हुए ही भूत कैसे बन गए? या फिर तुम मेरे साथ पहले कैसे खेल सकते हो?”
“यही सच है, शायद तुम मुझे नहीं जानती , या शायद किसी ने तुम्हें मेरे बारे में कभी बताया ही नहीं l”
“क्या आप…. कृपया मुझे बता सकती हैं कि मैं आपसे पहले कहां मिली थी ”।
“लीना, मैं आपकी बड़ी बहन हूं, हम जुड़वां थे, हमारे जन्म के समय ही मेरी मृत्यु हो गई थी” यह सुनकर लीना दंग रह गई।