भूत की अंगूठी
वह एक अँधेरी, ठंडी शाम थी। आकाश गहरे भूरे रंग में बदल गया था, सूरज घंटों पहले गायब हो गया था, जिससे पेड़ पूरी तरह से अंधेरे में डूब गए थे। अर्जुन अपने दोस्तों के साथ पास की पहाड़ियों में पदयात्रा कर रहा था, लेकिन एक संकरे रास्ते की खोज में वह भटक गया था। अब, वह अकेला था, उसे पता नहीं था कि वापस कैसे आये।
जंगल घना था, ऊँचे-ऊँचे पेड़ थे जो चंद्रमा से आने वाली किसी भी रोशनी को रोकते थे। हवा ठंडी और शांत थी, जब वह चल रहा था तो उसके पैरों के नीचे से पत्तियों की सरसराहट ही एकमात्र ध्वनि थी। अर्जुन का हृदय जोर से धड़क रहा था ।
उसने अपनी जैकेट कस ली और जंगल से बाहर निकलने का रास्ता खोजने की उम्मीद में चलता रहा। काफी दूर चलने के बाद उसकी नजर एक छोटी सी जगह पर पड़ी। वहाँ छोटा सा कीचड़ भरा तालाब था। ज़मीन नरम घास से ढकी हुई थी, यहाँ-वहाँ कुछ पत्थर भी थे, वह कुछ आराम करने के लिए एक पत्थर पर बैठ गया। कुछ पत्थर चाँद की रोशनी से चमक रहे थे।
अचानक हवा में ठंडक भर गई और अर्जुन को ऐसा लगा मानो कोई उसे देख रहा हो। वह पीछे मुड़ा और तालाब के किनारे एक धुंधली सी आकृति खड़ी थी। पहले उसने सोचा कि यह कोई जानवर है, उसने चारों ओर देखा ,उसे कुछ ऐसा मिल सके जो उसकी रक्षा कर सके, लेकिन घने अंधेरे जंगल में उसे केवल पत्थर दिखाई दिए। उसने धीरे-धीरे बड़े पेड़ों के पीछे छिपने का फैसला किया, जैसे ही वह आगे बढ़ा उसे गूंजती लड़की की आवाज सुनाई दी। “रुको, भागो मत, मैंने तुम्हें ही देख लिया है l”
” कौन है?” उसने पुकारा, उसकी आवाज़ काँप रही थी। “मैं रिया हूं,एक युवा लड़की, मै अपने रास्ते में फंसा गई हु l”
अर्जुन को कुछ राहत महसूस हुई। लेकिन उसे आश्चर्य हुआ कि वह उसकी तरह घने जंगल में कैसे पहुंच गई, “रिया क्या हम बात कर सकते हैं?” उसने पेड़ों से बाहर आते हुए कहा।
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”
“मैं जंगल में खो गया हूं और बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ रहा हूं।”
अर्जुन सफेद पोशाक में खूबसूरत युवा लड़की को अपनी ओर आते देखकर दंग रह गया। “तुम यहाँ क्या कर रही हो?” उसने आश्चर्य से पूछा l
“यह एक लंबी कहानी है अर्जुन, क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो ?”
“ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूँ, मैं तो खुद जंगल में खो गया हूँ”। रिया ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अर्जुन को अपनी मध्यमा अंगुली में एक चमकीली अंगूठी दिखाई।
“क्या तुम मेरी उंगली से यह चमकती अंगूठी निकाल सकते हो?” अर्जुन यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गया। वे घने अंधेरे जंगल में खो गए थे, कभी भी कोई जानवर उन पर हमला कर सकता था, उनकी जान जा सकती थी, लेकिन वह अंगूठी के बारे में बात कर रही थी। उनकी आँखों में कोई डर नहीं था ,वह मुस्करा रही थी ।
“रिया तुमे डर नहीं लगता , रात को, अकेले जंगल में l”
“नहीं, तुम्हें भी डरने की कोई जरूरत नहीं है, तुम्हें कुछ नहीं होगा। मैं वादा करती हूं”l
अर्जुन समझ गया कि वह कोई सामान्य लड़की नहीं है, लेकिन वह उसके साथ बहुत अच्छी थी, उसने अंगूठी निकालने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया, उसने बहुत कोशिश की लेकिन उसकी उंगली से अंगूठी नहीं निकाल सका। तब रिया ने कहा। “अर्जुन, अपनी आंखें बंद करे ,अपने भगवान से प्रार्थना करें और अंगूठी निकालने में मदद का अनुरोध करें l”
अर्जुन ने वैसा ही किया। फिर उसकी अंगूठी उतर गई । रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, “इसे रखो”, अर्जुन ने देखा कि अंगूठी पहले की तरह चमक नहीं रही थी। जैसे ही रिया वापस जंगल की ओर जाने लगी, अर्जुन ने पूछा, “क्या मैं जान सकता हूं कि तुम कौन हो?, क्यों अंगूठी निकालना चाहती थी l”
रिया रुक गई, “यह लंबी कहानी है। मैं पास के गांव रहती थी, एक दिन मैं अपने माता-पिता के साथ इस जंगल में आई । उस समय वह तालाब सुंदर होता था, मैं यहां टहलने लगी , तभी मुझे मिट्टी में एक सुंदर चमकती हुई अंगूठी मिली,अंगूठी में हल्की चमक थी, जैसे कि इसमें कोई जादुई चीज हो, उत्सुकतावश, मैंने उसे उठाया और अपनी उंगली में पहन लिया। मैं अपनी नई अजीब अंगूठी से खुश थी , लेकिन यह कोई सामान्य अंगूठी नहीं थी। इसमें एक भूले हुए भूत की आत्मा छिपी हुई थी। जैसे ही रात होने लगी, मैंने देखा कि एक अजीब सी परछाई मेरे पीछे घूम रही थी l मैं डर गई , मैंने अपने माता-पिता को बताया, वे मुझे गाँव में एक चिकित्सक के पास ले गए,उसने अंगूठी देखी और डर गया,फिर उसने बताया कि अंगूठी शापित है। इसमें एक बेचैन भूत की आत्मा है। इसे उतारना होगा और इसे वहीं लौटा देना होगा जहां से इसे पाया था, अन्यथा उसे कभी शांति नहीं मिलेगी।
लेकिन जब हमने अंगूठी खींचने की कोशिश की, तो कोई नहीं खींच सका। मानो मेरी उंगली उसके चारों ओर सूज गई हो। उसने खींचा और घुमाया, लेकिन अंगूठी हिली नहीं। मैं दिन-ब-दिन कमज़ोर होती गई और एक दिन मैं मर गई , लकिन अंगूठी के कारण मेरी आत्मा हमेशा के लिए बंधन में बंध गई। उस दिन से मैं किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रही थी जो इस अंगूठी को निकालने में मेरी मदद कर सके, मैं हर आधी रात को चाँद की रोशनी में जंगल में ढूंढने की कोशिश करती थी l”
अब अर्जुन को पता चल गया था कि वह भूत है। वह डर से कांपने लगा ।
“धन्यवाद, आपने मेरी आत्मा को मुक्त कर दिया, अब मैं शांति से रह सकती हूं, अंगूठी सभी अभिशापों से मुक्त है, आप इसे बिना किसी डर के रख सकते हैं। बस सुबह तक यहां प्रतीक्षा करें, आपके मित्र यहां आ रहे हैं, आप सुरक्षित रहेंगे। मैं आपकी रक्षा कर रही हूं” यह बताने के बाद उस का शरीर गायब होने लगा।
अर्जुन निःशब्द था। वह फिर से पत्थर पर बैठ गया और अपने दोस्तों का इंतजार करने लगा, वह शांत था l वह जानता था कि वह पूरी तरह सुरक्षित है।