प्रेतवाधित गुड़िया
जीवन एक सीधा-सादा आदमी था। वह एक छोटे शहर में रहता था और प्राचीन वस्तुओं का संग्रह करना पसंद करता था। पुरानी चीज़ें उसे हमेशा आकर्षित करती थीं l बह सोचता था कि प्रत्येक प्राचीन वस्तु की अपनी कहानी होती है। एक दिन, वह एक छोटी सी खिलौने की दुकान पर गया , जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। दुकान एक संकरी गली के कोने पर थी, अंदर दुकान पुराने खिलौनों से भरी हुई थी।
इधर-उधर देखने पर जीवन को एक सुंदर गुड़िया दिखाई दी। वह पुरानी था, लेकिन उसे बहुत अच्छी तरह से बनाया गया था, उसकी चमकदार आँखें और मुस्कुराहट लगभग वास्तविक लगती थी। गुड़िया ने एक सुंदर पोशाक पहनी थी और एक छोटे से टैग पर उसका नाम “मीना” लिखा हुआ था। जीवन को गुड़िया की ओर आकर्षण महसूस हुआ। उसने बिना ज्यादा सोचे-समझे उसे खरीद लिया और घर ले आया।
जीवन ने गुड़िया को अपने कमरे में एक शेल्फ पर रख दिया। वह हर दिन इसकी प्रशंसा करता था। लेकिन जल्द ही, अजीब चीजें होने लगीं। जब आस-पास कोई नहीं था तो उसे हल्की-हल्की फुसफुसाहटें सुनाई देने लगीं। कभी कभी कमरे मे रोशनियाँ भी टिमटिमाती थीं, और कभी-कभी उसे ऐसा महसूस होता था जैसे गुड़िया की आँखें उसका पीछा कर रही हों। पहले तो जीवन को लगा कि यह उसकी कल्पना है।
लकिन एक रात जब वह अपने कमरे में बैठा था तो गुड़िया ने उससे बात की।
“हैलो, जीवन आपका दिन कैसा रहा ?” उसने धीमी, स्पष्ट आवाज में कहा। जीवन हैरान और डर गया।
उसने गुड़िया की ओर देखा, उसका शरीर कांप रहा था। “तुम कौन हो?” उसने कांपती आवाज में कहा l
“मैं तुम्हारी गुड़िया हूँ, मीना।”
“तुम कैसे बात कर सकती हो। तुम तो बेजान गुड़िया हो। कृपया मुझे बताओ, तुम कौन हो?” जीवन ने डरते हुए पूछा।
“डरो मत, जीवन, मुझे अपना दोस्त समझो।”
” मुझे क्षमा करें, मैं तुम्हें वापस दुकान पर लौटा दूंगा। मैं वादा करता हूं।”
“जीवन मैं वापस नहीं जाना चाहती , मैं यहीं रहना चाहती हूं। मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूं । मैं तुम्हें चोट नहीं पहुंचाऊंगी , तुम पहले की तरह शांति से रह सकते हो।”
“आप मुझसे क्या चाहते हैं?, मैं गरीब आदमी हूं।”
“जीवन मुझे पता है कि आपको अपना जीवन, व्यवसाय चलाने के लिए अधिक धन की आवश्यकता है, मैं वादा करती हूं कि मैं आपकी मदद करूंगी , मैंने तुमसे कहा था कि मैं तुम्हारी दोस्त हूं।”
जीवन को नहीं पता था कि क्या करना है ,उसने पूछा, “मैं तुम पर कैसे भरोसा कर सकता हूं, तुम मेरी मदद करना चाहती हो,”
“ठीक है, अपनी गली के अंत में उस बड़े पेड़ के पास जाओ, वहाँ तुम्हें एक सुंदर सुनहरी अंगूठी मिलेगी, तुम इसे बेच सकते हो और पैसे का उपयोग अपने व्यापारकर सकते हो,”
जीवन तुरंत बड़े पेड़ की ओर चलने लगा, बाहर अंधेरा था, सड़क बहुत शांत थी, वह पेड़ के पास गया और इधर-उधर देखने लगा। वह पेड़ के बहुत करीब एक चमकती हुई सोने की अंगूठी देखकर दंग रह गया। उसने उसे उठाया और घर ले आया l
“इसे रखो, यह तुम्हारी , मेरी ओर से पहला उपहार ।” जीवन को विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या हो रहा है। उसने मीना को धन्यवाद दिया l
जीवन को धीरे-धीरे बात करने वाली गुड़िया की आदत हो गई। वह उसके परिवार के सदस्य की तरह बन गई, वे रोज बात करते थे, मीना ने उसे उसके दैनिक जीवन और व्यवसाय के बारे में सलाह देना शुरू कर दिया था । जब भी जीवन को कोई समस्या आती थी तो मीना उसका मार्गदर्शन करती थी। उनकी सलाह हमेशा काम करती थी, जीवन गुड़िया पर पूरा भरोसा करने लगा ।
एक दिन मीना ने कहा, “जीवन, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।”
जीवन ने उत्सुकता से पूछा, “आप मुझसे क्या करवाना चाहती हैं?”
मीना ने उसे रोशनी नाम की एक अमीर महिला के बारे में बताया। मीना ने कहा, ”वह एक बुरी महिला है,जब मैं जीवित थी तो उसने मुझे बहुत दुख पहुँचाया। अब, मैं बदला लेना चाहती हूँ।”
जीवन भ्रमित हो गया, “जब आप जीवित थे आपका क्या मतलब है ?” उसने पूछा,
मीना ने बताया, “मैं कभी रोशनी के घर में नौकरानी थी। उसने मेरे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया, उसने मेरा अपमान किया, मुझसे दिन-रात काम करवाया और कभी भी मुझे उचित वेतन नहीं दिया। एक दिन, मैं उसके घर में मर गई, उसने मेरे शव का सम्मान भी नहीं किया।”
“तुम्हारा मतलब है कि तुम गुड़िया के अंदर भूत हो। और तुम उस अमीर महिला से बदला लेना चाहते हो।”
“ हाँ जीवन, मैं एक खूबसूरत जवान लड़की थी। उसने मुझे मार डाला।”
जीवन को बहुत दुःख हुआ, उसने मीना को बदला लेने में मदद करने का वादा किया l
फिर मीना ने उसे अपनी योजना बताई। “रोशनी के पास बहुत सारे सोने के गहने और महंगी चीजें हैं। उसे महंगी चीजें इकट्ठा करना पसंद है, मैं चाहती हूं कि आप उन्हें ले जाएं। वह उनके लायक नहीं है।”
जीवन झिझका। उसने अपने जीवन में कभी कुछ भी चोरी नहीं किया था । उसने मीना से कहा कि उसे चोरी करना पसंद नहीं है, हमें कुछ और योजना बनानी होगी l
“हाँ। शायद आप सही हैं, लेकिन मुझे अपने पैसे वापस चाहिए। मैंने उसके घर पर बहुत मेहनत की, उसने मुझे कुछ भी नहीं दिया।”
एक रात जीवन गुड़िया को रोशनी के घर ले गया जैसा मीना ने उससे कहा था l मीना एक युवा डरावनी लड़की बन गई और रोशनी के शयनकक्ष में प्रवेश कर गई। उसने रोशनी को जगाया। रोशनी अपने शयनकक्ष में भूत को देखकर कांपने लगी।
“मेरे पैसे वापस दो,” मीना चिल्लाई,
“आप कौन हैं?” रोशनी ने कांपती आवाज में पूछा।
“मैं मीना हूं, जो आपके घर पर काम करती थी,”
रोशनी ने कांपते हाथ से चाबियाँ आगे बढ़ाईं।
“तुम्हें जो चाहिए वह ले लो, लेकिन कृपया मुझे चोट न पहुंचाओ।”
मीना ने उसका सारा सोना और महंगी चीज़ें ले लीं, “मैं फिर आऊंगी ।” मीना चिल्लाई l उसे बिस्तर पर चिल्लाता हुआ छोड़ कर वह गायब हो गई l
उसने जीवन को सब कुछ दे दिया, उसके बाद वे रोशनी के घर आने लगे और उसे धीरे धीरे खाली कर दिया, रोशनी ने कई बार मीना से माफी मांगी लेकिन अभ बहुत देर हो चुकी थी। मीना जब भी रोशनी को देखती तो गुस्से से कांपने लगती।
रोशनी घर में कुछ भी नया लाने से डरने लगी थी l वह जानती थी कि मीना अगले दिन ले जायेगी।
धीरे-धीरे रोशनी का जीवन कष्टमय हो गया। उसने अपनी संपत्ति, अपने दोस्त और अपनी शांति सभ खो दिया । वह बहुत तनावग्रस्त और बीमार रहने लगी।
एक दिन, तनाव और दुःख से रोशनी की मृत्यु हो गई। जीवन को रोशनी को लेकर दुख हुआ, लेकिन मीना ने उसे प्रोत्साहित किया। “आपको किसी बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उसने मेरे साथ जो किया, उसके लिए वह इसकी हकदार थी,” मीना ने कहा।
अब, जीवन के पास वह सारी संपत्ति थी जो उन्होंने रोशनी से ली थी। वह अमीर बन गया और आरामदायक जीवन जीने लगा। मीना ने उसे धन्यवाद देते हुए कहा, “जीवन, तुम मेरे सच्चे दोस्त हो। यदि आपको कभी भी मेरी सहायता की आवश्यकता होगी, तो मैं हमेशा आपके लिए मौजूद रहूंगी ।”
गुड़िया उसके बाद चुप रहने लगी , लेकिन जीवन को पता था कि मीना हमेशा उसे देखती रहती है।