हीलीन-का-अजीब-अनुभव
हरलीन, एक साहसी और चंचल लड़की, हरे-भरे जंगल में भागती हुई चली जा रही थी। चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पेड़ों और घने झाड़ियों से घिरा वह जंगल उसे रोमांचित कर रहा था। जंगल में पक्षियों की चहचहाहट और पत्तों की सरसराहट की आवाज़ें मानो किसी गहरे रहस्य की कहानी कह रही थीं।
भागते-भागते हरलीन अचानक रुक गई। उसकी नजर एक पत्थर पर बैठी हुई एक बूढ़ी औरत पर पड़ी। वह औरत झुकी हुई थी, मानो कोई बोझ उसके कंधों पर हो। उसका चेहरा झुर्रियों से भरा हुआ था और उसके हाथ कांप रहे थे। हरलीन ने सोचा, “यह बूढ़ी औरत यहां इस सुनसान जंगल में क्या कर रही है?”
हरलीन ने पास जाकर कहा, “मांजी, क्या आप ठीक हैं? क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकती हूं?”
बूढ़ी औरत ने सिर उठाकर उसे देखा। उसकी आंखों में गहराई और अजीब-सा दर्द था। उसने धीमी आवाज़ में कहा, “बेटी, क्या तुम मुझे इस छोटे से पहाड़ के पार ले जा सकती हो? मेरे लिए अकेले चल पाना मुश्किल हो रहा है।”
हरलीन ने बिना एक पल सोचे हामी भर दी। उसने औरत का हाथ पकड़ा और धीरे-धीरे पहाड़ की ओर बढ़ने लगी।
रास्ता कठिन और पथरीला था। हरलीन ने अपने छोटे-छोटे कदमों से बूढ़ी औरत को सहारा दिया। चलते-चलते वे बातें करने लगीं।
“मांजी, क्या आपने कभी भूत-प्रेत के बारे में सुना है?” हरलीन ने उत्सुकता से पूछा।
बूढ़ी औरत हंस दी, “बेटी, इस दुनिया में जितना दिखता है, उससे कहीं ज्यादा छिपा हुआ है। भूत-प्रेत हों या न हों, लेकिन कुछ रहस्य हर जगह होते हैं।”
हरलीन को बूढ़ी औरत की बातें अजीब लगीं, लेकिन उसने ज्यादा सवाल नहीं किए।
काफी देर चलने के बाद वे पहाड़ पार कर एक छोटी-सी झोपड़ी तक पहुंच गईं। वह झोपड़ी बांस और पत्तों से बनी हुई थी, और उसके चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। बूढ़ी औरत ने झोपड़ी के सामने रुककर कहा, “बेटी, तुमने मेरी बहुत मदद की, मैं तुम्हारा धन्यवाद कैसे करूं?”
हरलीन ने मुस्कुराते हुए कहा, “मांजी, धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं है। किसी की मदद करना हमारा कर्तव्य है।”
बूढ़ी औरत ने अपनी झुर्रीदार उंगलियों से एक अंगूठी निकाली। वह अंगूठी सुनहरी थी और उसमें एक चमकता हुआ लाल रत्न जड़ा हुआ था।
“यह अंगूठी लो, यह तुम्हारे लिए एक उपहार है,” औरत ने कहा।
हरलीन ने झिझकते हुए अंगूठी ले ली और उसे अपनी उंगली में पहन लिया। जैसे ही अंगूठी उसकी उंगली में आई, कुछ अजीब होने लगा।
हरलीन की त्वचा झुर्रियों से भरने लगी, उसके हाथ कांपने लगे, और उसकी पीठ झुक गई। पल भर में वह एक बूढ़ी औरत में बदल गई। वहीं दूसरी तरफ, बूढ़ी औरत जवान, सुंदर लड़की में बदल गई।
“तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?” हरलीन चीख पड़ी। उसकी आवाज कांप रही थी, और उसकी आंखों में आंसू थे।
जवान लड़की, जिसने अब अपना नाम हेली बताया, मुस्कुराकर बोली, “घबराओ मत, यह सब एक कारण से हुआ है। मैं तुम्हें धोखा नहीं दे रही हूं।”
हेली ने समझाना शुरू किया, “बहुत साल पहले, मुझे किसी ने श्राप दिया था। उस श्राप के कारण मैं बूढ़ी औरत बन गई थी। लेकिन मेरे पास एक शक्ति बची थी—मैं खुद को युवा नहीं बना सकती , पर किसी और को बना सकती हूं । मैंने तुम्हारी मदद ली, ताकि मैं अपनी उम्र वापस पा सकूं। लेकिन चिंता मत करो, यह स्थायी नहीं है।”
हरलीन ने रोते हुए कहा, “मुझे पहले क्यों नहीं बताया? मुझे डर लग रहा है।”
हेली ने गंभीरता से कहा, “मुझे माफ कर दो, बेटी। लेकिन मैंने तुम्हें चोट पहुंचाने के लिए ऐसा नहीं किया। मैं अब तुम्हारे लिए प्रार्थना करूंगी। कुछ ही पल में तुम फिर से पहले जैसी हो जाओगी।”
हेली ने अपनी आंखें बंद कीं और कोई मंत्र बुदबुदाने लगी। उसके चारों ओर एक सुनहरी रोशनी फैल गई। कुछ देर बाद हरलीन ने महसूस किया कि उसका शरीर फिर से बदलने लगा। उसकी झुर्रियां गायब हो गईं, उसकी पीठ सीधी हो गई, और वह फिर से वही युवा और ऊर्जावान लड़की बन गई।
हरलीन खुशी से रो पड़ी। “धन्यवाद, हेली! तुमने मुझे मेरी जिंदगी वापस दी।”
हेली ने बताया, “जब मैं जवान थी, तो किसी ने मुझसे ईर्ष्या के कारण मुझे श्राप दिया। मैंने सालों तक इस श्राप को सहा। मुझे खुशी है कि तुमने मेरी मदद की। अब मैं फिर से अपनी जिंदगी शुरू कर सकती हूं।”
हरलीन ने मुस्कुराकर कहा, “मांजी—मेरा मतलब है, हेली—मैं तुम्हारे लिए हमेशा प्रार्थना करूंगी।”
दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया। हरलीन खुशी-खुशी अपने घर की ओर लौट गई, और हेली अपनी नई जिंदगी शुरू करने के लिए जंगल में गायब हो गई।
हरलीन के लिए यह अनुभव जिंदगी भर के लिए यादगार बन गया। उसने सीखा कि हर रहस्य के पीछे कोई न कोई कहानी छिपी होती है।