पहाड़ों में प्रेतवाधित घर
मधु और राज, ने अपनी एक महीने की छुट्टियां बिताने के लिए किसी शांत, प्राकृतिक जगह की तलाश में थे। दोनों ने काफी सोच-विचार के बाद पहाड़ियों के नजदीक एक छोटे से शहर में एक सुंदर घर किराए पर लेने का फैसला किया। यह घर शहर के कोने में, हरे-भरे पेड़ों और पक्षियों की मधुर चहचहाहट के बीच बसा था।
इस घर के मालिक, श्री शर्मा, एक बुजुर्ग व्यक्ति थे, जिनकी आंखों में एक अजीब चमक और मुस्कान में अपनापन था। शर्मा जी बेहद मिलनसार थे और नए किराएदारों का स्वागत बहुत गर्मजोशी से करते थे ।
जब वे उस खूबसूरत घर में पहुंचे, तो श्री शर्मा उनका इंतजार कर रहे थे, उन्होंने उन्हें अपने घर का परिचय दिया। उन्होंने आग के लिए लकड़ियाँ, किचन, वॉशिंग रूम और बिजली के स्विच दिखाए।
“आप दोनों यहां बिल्कुल घर जैसा महसूस करें,” शर्मा जी ने कहा। “अगर किसी चीज़ की जरूरत हो, तो मुझे जरूर बताएं।”
मधु और राज ने उनका आभार व्यक्त किया । घर सुंदर और व्यवस्थित था। खिड़कियों से पहाड़ियों का नजारा दिखाई देता था, और हवा में एक हल्की-सी ठंडक थी।
उन्होंने देखा कि मिस्टर शर्मा ने उनके लिए लिविंग रूम की टेबल पर कुछ ताज़ा फल और कुछ स्नैक्स भी रखे थे, वहाँ एक पेपर भी था जिसमें महत्वपूर्ण सूचनाओं के बारे में लिखा था।
छुट्टियों के शुरुआती दिन शानदार रहे। मधु और राज ने आस-पास की जगहों का दौरा किया, घने जंगलों में टहलने गए, और स्थानीय बाज़ार में स्वादिष्ट व्यंजन चखे। लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत की, उन्हें एक अजीब कहानी सुनने को मिली।
“तुम उस घर में रुके हो?” एक दुकान वाले ने हैरानी भरी आवाज़ में पूछा।
“हां, क्यों?” राज ने उत्सुकता से पूछा।
“कहा जाता है कि वह घर भूतहा है,” दुकान वाले ने धीमी आवाज़ में कहा। “उसके मालिक, कई साल पहले गुजर चुके हैं। लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि वह अभी भी उस घर में रहते हैं।”
मधु और राज ने हंसते हुए उस बात को मजाक में उड़ा दिया। उन्होंने उस घर में कुछ भी अप्राकृतिक नहीं देखा। श्री शर्मा बहुत मिलनसार थे और उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
उन्होंने श्री शर्मा से वहां भूतों के अस्तित्व के बारे में पूछा। वह हंसा और पूछा, ”क्या तुमने यहां कोई भूत देखा?”
लेकिन उस दिन के बाद कुछ अजीब चीजें होने लगीं।
एक रात, जब मधु और राज खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी उन्हें एक अजीब आवाज़ सुनाई दी। ऐसा लगा, जैसे कोई दरवाजे के पास गा रहा हो। राज ने दरवाजा खोला, लेकिन वहां कोई नहीं था।
ऐसा दो बार हुआ, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं देखा, अगले दिन उन्होंने श्री शर्मा से पूछा, “क्या यहा कोई है जो रात में बाहर गाना पसंद करता है?”
श्री शर्मा फिर हंसे और कहा, “मुझे लगता है कि मैं शहर में एकमात्र गायक हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि वे देखेंगे, कोई आपको परेशान नहीं करे।
अगले दिन, सुबह उठते ही मधु ने देखा कि घर की दीवार पर लगी घड़ी उलटी चल रही थी।
“यह तो खराब हो गई होगी,” राज ने कहा और बैटरी बदलने की कोशिश की। लेकिन घड़ी ने सही चलने से इनकार कर दिया।
फिर शर्मा ने घड़ी बदल दी l
कुछ दिनों बाद, शर्मा जी ने मधु और राज को पास के एक पुराने मंदिर जाने की सलाह दी। “वहां से पूरा शहर दिखाई देता है,” उन्होंने कहा।
मधु और राज ने मंदिर जाने का निर्णय लिया। रास्ते में उन्हें फिर से कुछ स्थानीय लोगों से मुलाकात हुई, जिन्होंने घर के बारे में डरावनी कहानियां सुनाईं।
“हमने खुद देखा है कि उस घर में रात को रोशनी जलती रहती है, जब वहां कोई नहीं होता,” एक बुजुर्ग महिला ने कहा।
मधु ने राज को सुझाव दिया कि उन्हें इस बात की सच्चाई पता लगानी चाहिए। “शायद श्री शर्मा कुछ छुपा रहे हैं।”
अपनी छुट्टी के अंतिम सप्ताह में, मधु और राज ने घर को ध्यान से जांचने का फैसला किया। उन्होंने हर कोना छाना, लेकिन कुछ भी असामान्य नहीं मिला।
उस रात, जब दोनों सोने की तैयारी कर रहे थे, तो अचानक घर के अंदर ठंडी हवा का झोंका आया। खिड़कियां और दरवाजे बंद होने के बावजूद, पर्दे उड़ने लगे।
किसी ने फिर दरवाज़ा खटखटाया और गाना गाया।
जब उन्होंने दरवाज़ा खोला तो मिस्टर शर्मा को देखकर दंग रह गए।
उनके चेहरे पर वही परिचित मुस्कान थी, लेकिन उनकी आंखों में अब एक रहस्यमय चमक थी।
“आप..मिस्टर शर्मा…इस समय …l” राज ने कांपती आवाज़ में पूछा।
“मैं जानता हूं कि आप क्या सोच रहे हैं,” शर्मा जी ने कहा। “लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। मैं आपकी मदद के लिए ही यहां हूं। यह घर मेरी जिंदगी थी, और अब भी है। मैं चाहता हूं कि जो भी यहां रुके, उसे आराम और शांति मिले।”
मधु और राज सन्न रह गए। उनके सामने खड़ा व्यक्ति अब स्पष्ट रूप से एक भूत था। लेकिन वह भूत डरावना नहीं, बल्कि दयालु और मददगार था।
“आप शांति से सो सकते हैं। मैं आपको परेशान करने के लिए मैं वापस नहीं आऊंगा।” इतना कहकर मिस्टर शर्मा गायब हो गए।
अगले दिन, मधु और राज ने अपना सामान पैक किया और जाने की तैयारी की। जब वे घर से निकल रहे थे, तो दरवाजे पर एक पर्ची देखी :
“आशा है आपका समय अच्छा बीता होगा ,जीवन में खुश रहिए। – शर्मा”
मधु और राज ने घर की ओर आखिरी बार देखा। वह घर, जो शुरुआत में एक साधारण छुट्टी का ठिकाना लगता था, अब उनकी यादों का हिस्सा बन चुका था।